घटक : अशोक छाल, शतावरी, दारू हल्दी, लाल चन्दन, जटामासी, नागकेसर, उलट कवंल, लौंध, सुगन्धवाला, वट मूल, धाय के फूल, जम्बूत्वक (जामुन), उदुम्बर त्वक |
उपयोग : रक्त प्रदर, श्वेत प्रदर, अतिरन्जन, अनियमित श्रतु श्राव, गर्भाशय शिथिलता, जन्य बन्धत्व, आदि स्त्री रोगों में उपयोगी |
मात्रा अथवा चिकित्सानुसार : 5 से 10 ml दिन में 2 या 3 बार जल में मिलाकर या चिकित्सक के आदेशानुसार |
पैकिंग : 200 ml, 450 ml